पद्मिनी एकादशी व्रत कथा

सितंबर 22, 2020 Add Comment


 पद्मिनी एकादशी व्रत कथा

Padmini ekadashi vrat katha


प्रश्न - क्या एकादशी अच्छा दिन होता है? ( is ekadashi a good day )


उत्तर- हिन्दू ग्रंथो के हिसाब से प्रत्येक तिथि और वार का हमारे मन और मस्तिष्क पर गहरा प्रभाव पड़ता है। इस तिथि के प्रभाव को जानकर ही व्रत और त्योहार बनाए गए,  जिसको करने से चमत्कारिक लाभ प्राप्त किया जा सकता है। एकादशी तिथि चंद्र से संबंधित है, इस तिथि पर व्रत रखकर मात्र फलाहार का ही सेवन करना लाभदायक माना जाता है। एकादशी के दिन बनने वाला सूर्य और चंद्र के कोण के कारण एकादशी का दिन अच्छा दिन माना जाता है।

प्रश्न - एकादशी क्यों महत्वपूर्ण है ? ( why ekadashi is important )

उत्तर - कहा जाता है कि प्रत्येक व्यक्ति को अपने सांसारिक और भौतिक सुखों की प्राप्ति और जीवन की सभी परेशानियों को दूर करने के लिए एकादशी का व्रत अवश्य करना चाहिए इस व्रत का उतना ही महत्व होता है जितना 88000 ब्राह्मणों को भोजन कराने का होता है ।  हिंदू धर्म शास्त्रों में एकादशी तिथि को हरि दिन तथा हरि वासर के नाम से भी जाना जाता है शास्त्रों में एकादशी से बड़ा कोई व्रत नहीं माना गया है।

प्रश्न - इस महीने की एकादशी कब है ? ( ekadashi of this month)

उत्तर - इस महीने की एकादशी 27 सितंबर 2020 दिन रविवार को है । एकादशी तिथि प्रारंभ 27 सितंबर 2020 को प्रातः 6:12 और समाप्त 28 सितंबर 2020 को 8:00 बजे तक है ।

प्रश्न -  पद्मिनी एकादशी व्रत क्या है ? ( what is padmini ekadashi )

उत्तर - पंचांग के अनुसार इस समय अधिक मास चल रहा है । अधिक मास में एकादशी का विशेष महत्व है । आश्विन मास की शुक्ल पक्ष में आने वाली एकादशी को पद्मिनी एकादशी कहा जाता है । अधिक मास भगवान विष्णु को समर्पित है । इसलिए इस एकादशी का महत्व बढ़ जाता है

प्रश्न - पद्मिनी एकादशी व्रत की तिथि और समय क्या है ? ( padmini ekadashi date and time )

उत्तर- यह 13 सितम्बर के 04:13 बजे से 14 सितम्बर के 03:16 बजे तक रहेगा।  एकादशी का पारण द्वादशी के दिन पूजा करके किसी ब्राह्मण को भोजन करवाने के बाद ही किया जाता है ।

प्रश्न - पद्मिनी एकादशी का क्या महत्व है ? (  padmini ekadashi ka mahatva )


उतर -  उत्तर -एकादशी का व्रत सभी व्रतों में श्रेष्ठ माना गया है महाभारत की कथा में भी एकादशी व्रत का वर्णन है । एकादशी का व्रत सभी प्रकार के पापों से मुक्ति दिलाता है और सभी मनो कामनाओं वह पूर्ण करता है !

पद्मिनी एकादशी का व्रत प्रभावशाली व्रत माना गया है । यह व्रत घर की कलह  का नाश करता है और नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है । में धन से संबंधित आने वाली समस्याओं को भी दूर करता है और रोग से मुक्ति दिलाता है ।

प्रश्न - पद्मिनी एकादशी व्रत कैसे करें ? ( indira ekadashi vrat kaise kare )

उत्तर - एकादशी के दिन सुबह स्नानादि से निवृत्त होकर भगवान विष्णु का विधि पूर्वक पूजन करना चाहिए । निर्जल व्रत रखकर इस दिन विष्णु पुराण का पाठ करना चाहिए । इस व्रत को सभी व्रतों में सचिन बताया गया है । रात्रि में जागरण करना चाहिए । व्रत का पारण द्वादशी तिथि में करें ।

प्रश्न - पद्मिनी एकादशी व्रत कथा ( padmimi ekadashi vrat katha )

उत्तर - पौराणिक कथा के अनुसार त्रेता युग में कीर्ति वीर्य नामक एक राजा थे । उनकी कई रानियां थी लेकिन किसी को कोई संतान नहीं था जिस कारण राजा और उनकी रानियां बहुत दुखी और परेशान रहते थे ।

किसी के सलाह देने पर राजा और उनकी समस्त रानियों ने कठोर तपस्या की जिससे राजा का शरीर कमजोर हो गया और कंकाल की तरह दिखाई देने लगा । इसके बाद भी कोई फल नहीं प्राप्त हुआ तो एक रानी ने देवी अनुसूया से संतान प्राप्ति का उपाय पूछा ।

देवी ने रानी को अधिक मास में शुक्ल पक्ष की एकादशी का व्रत करने के लिए कहा । व्रत की समाप्ति पर भगवान प्रकट हुए और वरदान दिया । कुछ समय बाद रानी ने एक वीर पुत्र को जन्म दिया जो कार्त वीर्य अर्जुन कहलाया । यह बालक आगे चलकर अत्यंत पराक्रमी राजा बना ।m

प्रश्न - पद्मिनी एकादशी व्रत-कथा वीडियो का लिंक ( padmini ekadashi vrat katha video )

उत्तर -  पद्मिनी एकादशी व्रत-कथा सुनाने के लिए  इस लिंक पर क्लिक करें। 

प्रश्न - पद्मिनी एकादशी के दिन क्या खाना चाहिए ? ( what to eat on padmini ekadashi )

उत्तर -  एकादशी तिथि का व्रत निराहार रखने से इसका लाभ व्रती को अधिक मिलता है। फिर भी एकादशी का व्रत करने वाले व्रती बिना खाए पिए नहीं रह सकते हैं तो इन पदार्थों का सेवन किया जा सकता है ताजे फल में वे चीनी कुट्टू नारियल जैतून दूध अदरक काली मिर्च सेंधा नमक आलू साबूदाना शकरकंद आदि ।

प्रश्न - पद्मिनी एकादशी के दिन क्या नहीं खाना चाहिए ? ( padmini ekadashi what not to eat )

उतर - पद्मिनी एकादशी के दिन जो मसूर की दाल, बैगन, सेम, फली, चावल और अन्य अनाज नहीं खाना चाहिए। मीठा पान भी नहीं खाना चाहिए, क्योंकि यह भगवान विष्णु को पूजा में चढ़ाया जाता है। मांस, मदिरा, प्याज, लहसुन जैसी तामसी चीजें बिलकुल नहीं। 


प्रश्न - पद्मिनी एकादशी की आरती क्या है ? (Padmini ekadashi ki aarti )

उतर - एकादशी को यह आरती भी गयी जाती है :------

ओम जय जगदीश हरे स्वामी जय जगदीश हरे।।
भक्त जनों के संकट क्षण में दूर करे। 
ओम जय जगदीश हरे ।।
जो ध्यावे फल पावे दुख बिनसे मन का।  
सुख संपति घर आवे कष्ट मिटे तन का। 
ओम जय जगदीश हरे।। 
मात पिता तुम मेरे शरण गहूं किसकी ?
तुम बिन और न दूजा आस करूं किसकी ?
ओम जय जगदीश हरे ।।
तुम पूरण परमात्मा तुम अंतर्यामी। 
पारब्रह्म परमेश्वर तुम सबके स्वामी। 
ओम जय जगदीश हरे ।।
तुम करुणा के सागर तुम पालनकर्ता। 
मैं मूरख खल कामी कृपा करो भर्ता । 
ओम जय जगदीश हरे।। 
तुम हो एक अगोचर सबके प्राण पति। 
किस विधि मिलूं दयामय तुमको मैं कुमति ।
ओम जय जगदीश हरे।। 
दीनबंधु दुखहर्ता तुम ठाकुर मेरे। 
अपने हाथ उठाओ द्वार खड़ा तेरे। 
ओम जय जगदीश हरे।। 
विषय विकार मिटाओ पाप हरो देवा। 
श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ संतन की सेवा।
ओम जय जगदीश हरे।।
 तन मन धन सब कुछ है तेरा। 
तेरा तुझको अर्पण क्या लागे मेरा।
ओम जय जगदीश हरे।।

पद्मिनी एकादशी की आरती वीडियो  padmini ekadashi ki aarti )

 पद्मिनी एकादशी की आरती का वीडियो चलाने के लिए यहाँ क्लिक करें :-----

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इंदिरा एकादशी व्रत कथा

सितंबर 08, 2020 Add Comment

 

इंदिरा एकादशी व्रत कथा


प्रश्न - क्या एकादशी अच्छा दिन होता है? ( is ekadashi a good day )


उत्तर- हिन्दू ग्रंथो के हिसाब से प्रत्येक तिथि और वार का हमारे मन और मस्तिष्क पर गहरा प्रभाव पड़ता है। इस तिथि के प्रभाव को जानकर ही व्रत और त्योहार बनाए गए,  जिसको करने से चमत्कारिक लाभ प्राप्त किया जा सकता है। एकादशी तिथि चंद्र से संबंधित है, इस तिथि पर व्रत रखकर मात्र फलाहार का ही सेवन करना लाभदायक माना जाता है। एकादशी के दिन बनने वाला सूर्य और चंद्र के कोण के कारण एकादशी का दिन अच्छा दिन माना जाता है।

प्रश्न - एकादशी क्यों महत्वपूर्ण है ? ( why ekadashi is important )

उत्तर - कहा जाता है कि प्रत्येक व्यक्ति को अपने सांसारिक और भौतिक सुखों की प्राप्ति और जीवन की सभी परेशानियों को दूर करने के लिए एकादशी का व्रत अवश्य करना चाहिए इस व्रत का उतना ही महत्व होता है जितना 88000 ब्राह्मणों को भोजन कराने का होता है ।  हिंदू धर्म शास्त्रों में एकादशी तिथि को हरि दिन तथा हरि वासर के नाम से भी जाना जाता है शास्त्रों में एकादशी से बड़ा कोई व्रत नहीं माना गया है।

प्रश्न - इस महीने की एकादशी कब है ? ( ekadashi of this month)

उतर - इस महीने की एकादशी13 सितंबर 2020 रविवार को है ।

प्रश्न -  इंदिरा एकादशी व्रत क्या है ? ( what is indira ekadashi )

उत्तर - इंदिरा एकादशी के व्रत की कथा पढ़ने और सुनने से ही मनुष्य सब पापों से मुक्त हो जाते हैं और सब प्रकार के भोगों को भोग कर बैकुंठ को प्राप्त होते हैं । पितरों की आत्मा की शांति के लिए यह व्रत किया जाता है

प्रश्न - इंदिरा एकादशी व्रत की तिथि और समय क्या है ? ( indira ekadashi date and time )

उत्तर- यह 13 सितम्बर के 04:13 बजे से 14 सितम्बर के 03:16 बजे तक रहेगा।  एकादशी का पारण द्वादशी के दिन पूजा करके किसी ब्राह्मण को भोजन करवाने के बाद ही किया जाता है ।

प्रश्न - इंदिरा एकादशी का क्या महत्व है ? (  iindira ekadashi ka mahatva )


उतर -  इंदिरा एकादशी को  नियम पूर्वक व्रत रखने से मनुष्य के सारे पाप नष्ट हो जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है  । इस दिन मां लक्ष्मी की भी पूजा करने से उनकी विशेष कृपा मिलती है । इस व्रत का फल वाजपेई यज्ञ के समान है ।

प्रश्न - इंदिरा एकादशी व्रत कैसे करें ? ( indira ekadashi vrat kaise kare )

उत्तर-  एकादशी का व्रत करने वालों को एकादशी से 1 दिन पहले ही सूर्यास्त के बाद भोजन नहीं करना चाहिए ताकि पेट में अनाज का अंश ना रहे । एकादशी के दिन सुबह सर्वप्रथम स्नानादि करने के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करके भगवान विष्णु का स्मरण कर व्रत का संकल्प लें । भगवान के समक्ष धूप दीप जलाएं । भगवान विष्णु की पूजा में तिल का उपयोग किया जाता है । में तुलसी अवश्य अर्पित करें । पूरा समय भगवान विष्णु का स्मरण करें ।

प्रश्न - इंदिरा एकादशी व्रत कथा ( indira ekadashi vrat katha )

उत्तर - प्राचीन काल में सतयुग में महिष्मति नगरी में इंद्रसेन नामक एक प्रतापी राजा शासन करते थे । राजा भगवान विष्णु के परम भक्त थे । एक दिन राजा की सभा में महर्षि नारद आए । राजा ने हाथ जोड़कर उन्हें आसन दिया । महर्षि नारद ने राजा से पूछा कि आपके साथ और कुशल पूर्वक तो हैं । राजा ने कहा मेरे राज्य में सब कुशल मंगल है कृपया अपने आगमन का कारण बताएं ।
तब महर्षि ने कहा कि मैं एक समय ब्रह्मलोक से यमलोक को गया । वहां श्रद्धा पूर्वक यमराज से पूजित होकर मैंने सत्यवान धर्मराज की प्रशंसा की । उसी सभा में धर्मात्मा तुम्हारे पिता को एकादशी का व्रत भंग होने के कारण देखा ।

उन्होंने संदेशा दिया है कि पूर्व जन्म में कोई विघ्न हो जाने के कारण मैं यमराज के निकट रह रहा हूं । अगर तुम आश्विन इंदिरा एकादशी का व्रत करो तो मुझे स्वर्ग की प्राप्ति हो सकती है ।
इतना सुनकर राजा ने कहा कि हे महर्षि इस व्रत की विधि मुझसे कहिए । नारद जी कहने लगे कि आश्विन मास की कृष्ण पक्ष की दशमी के दिन प्रातः काल स्नानादि से निवृत्त होकर श्रद्धा पूर्वक पितरों का श्राद्ध करें और एक बार भोजन करें ।

प्रातः काल होने पर एकादशी के दिन स्नान करके निराहार व्रत करें फिर शालिग्राम की मूर्ति के आगे विधि पूर्वक श्राद्ध करके ब्राह्मणों को फलाहार का भोजन कराएं और दक्षिणा दें । श्राद्ध से बचा हुआ भोजन सूंघकर गौ माता को दें फिर धूप दीप नैवेद्य से भगवान ऋषिकेश का पूजन करें ।

द्वादशी के दिन मौन रहकर बंधु बांधव सहित भोजन करें । इस विधि से व्रत करने पर तुम्हारे पिता अवश्य स्वर्ग लोक को जाएंगे । इतना कह कर नारद जी अंतर्धान हो गए ।
विधि पूर्वक राजा के इस व्रत को करने से आकाश से पुष्प वर्षा हुई और उनके पिता गरुड़ पर चढ़कर विष्णु लोक को ।
इसी व्रत के प्रभाव से राजा इंद्रसेन भी अपने पुत्र को सिंहासन पर बैठा कर स्वर्ग लोक को गए ।

प्रश्न - इंदिरा एकादशी व्रत-कथा वीडियो का लिंक ( indira ekadashi vrat katha video )

उत्तर - इंदिरा एकादशी व्रत-कथा सुनाने के लिए  इस लिंक पर क्लिक करें। 

प्रश्न - इंदिरा एकादशी के दिन क्या खाना चाहिए ? ( what to eat on indira ekadashi )

उत्तर -  एकादशी तिथि का व्रत निराहार रखने से इसका लाभ व्रती को अधिक मिलता है। फिर भी एकादशी का व्रत करने वाले व्रती बिना खाए पिए नहीं रह सकते हैं तो इन पदार्थों का सेवन किया जा सकता है ताजे फल में वे चीनी कुट्टू नारियल जैतून दूध अदरक काली मिर्च सेंधा नमक आलू साबूदाना शकरकंद आदि ।

प्रश्न - इंदिरा एकादशी के दिन क्या नहीं खाना चाहिए ? ( Q. - parivartini ekadashi what not to eat )

उतर - इंदिरा एकादशी के दिन जो मसूर की दाल, बैगन, सेम, फली, चावल और अन्य अनाज नहीं खाना चाहिए। मीठा पान भी नहीं खाना चाहिए, क्योंकि यह भगवान विष्णु को पूजा में चढ़ाया जाता है। मांस, मदिरा, प्याज, लहसुन जैसी तामसी चीजें बिलकुल नहीं। 

प्रश्न - इंदिरा एकादशी की आरती क्या है ? (Indira ekadashi ki aarti )

उतर - एकादशी को यह आरती भी गयी जाती है :------

ओम जय जगदीश हरे स्वामी जय जगदीश हरे।।
भक्त जनों के संकट क्षण में दूर करे। 
ओम जय जगदीश हरे ।।
जो ध्यावे फल पावे दुख बिनसे मन का।  
सुख संपति घर आवे कष्ट मिटे तन का। 
ओम जय जगदीश हरे।। 
मात पिता तुम मेरे शरण गहूं किसकी ?
तुम बिन और न दूजा आस करूं किसकी ?
ओम जय जगदीश हरे ।।
तुम पूरण परमात्मा तुम अंतर्यामी। 
पारब्रह्म परमेश्वर तुम सबके स्वामी। 
ओम जय जगदीश हरे ।।
तुम करुणा के सागर तुम पालनकर्ता। 
मैं मूरख खल कामी कृपा करो भर्ता । 
ओम जय जगदीश हरे।। 
तुम हो एक अगोचर सबके प्राण पति। 
किस विधि मिलूं दयामय तुमको मैं कुमति ।
ओम जय जगदीश हरे।। 
दीनबंधु दुखहर्ता तुम ठाकुर मेरे। 
अपने हाथ उठाओ द्वार खड़ा तेरे। 
ओम जय जगदीश हरे।। 
विषय विकार मिटाओ पाप हरो देवा। 
श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ संतन की सेवा।
ओम जय जगदीश हरे।।
 तन मन धन सब कुछ है तेरा। 
तेरा तुझको अर्पण क्या लागे मेरा।
ओम जय जगदीश हरे।।

इंदिरा एकादशी की आरती वीडियो (  indira ekadashi ki aarti )

 इंदिरा एकादशी की आरती का वीडियो चलाने के लिए यहाँ क्लिक करें :-----

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