papankusha ekadashi

अक्तूबर 25, 2020 Add Comment

papankusha ekadashi

Papankusha ekadashi

प्रश्न - क्या एकादशी अच्छा दिन होता है? ( is ekadashi a good day )


उत्तर- हिंदू पंचांग की 11वीं तिथि को एकादशी कहते हैं । प्रत्येक महीने में 2 एकादशी आती है एक कृष्ण पक्ष में और दूसरा शुक्ल पक्ष में ।
एकादशी व्रत की बड़ी महिमा है । जो मनुष्य एकादशी का व्रत रखता है उसके पितृ और पूर्वज कु योनि को त्याग स्वर्ग लोग चले जाते हैं ।
एक ही दशा में रहते हुए अपने आराध्य देव का पूजन और वंदन करने की प्रेरणा देने वाला व्रत ही एकादशी व्रत कहलाता है  ।
हिन्दू ग्रंथो के हिसाब से प्रत्येक तिथि और वार का हमारे मन और मस्तिष्क पर गहरा प्रभाव पड़ता है। इस तिथि के प्रभाव को जानकर ही व्रत और त्योहार बनाए गए,  जिसको करने से चमत्कारिक लाभ प्राप्त किया जा सकता है। एकादशी तिथि चंद्र से संबंधित है, इस तिथि पर व्रत रखकर मात्र फलाहार का ही सेवन करना लाभदायक माना जाता है। एकादशी के दिन बनने वाला सूर्य और चंद्र के कोण के कारण एकादशी का दिन अच्छा दिन माना जाता है।

प्रश्न - पापाकुंशा एकादशी क्यों महत्वपूर्ण है ? ( why papankusha ekadashi is important )

उत्तर - कहा जाता है कि प्रत्येक व्यक्ति को अपने सांसारिक और भौतिक सुखों की प्राप्ति और जीवन की सभी परेशानियों को दूर करने के लिए एकादशी का व्रत अवश्य करना चाहिए !
पापांकुशा एकादशी के व्रत से मनुष्य को अर्थ और मोक्ष की प्राप्ति होती है इस व्रत के प्रभाव से मनुष्य के संचित पाप नष्ट हो जाते हैं । इस दिन श्रद्धा और भक्ति भाव से पूजा तथा ब्राह्मणों को दान दक्षिणा देना चाहिए । पापांकुशा एकादशी वैष्णव समाज के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है ।

प्रश्न - इस महीने की एकादशी कब है ? ( ekadashi of this month)

उत्तर - शुद्ध आश्विन मास के शुक्ल पक्ष में पापांकुशा एकादशी 27 अक्टूबर दिन मंगलवार को है ।

प्रश्न -  पापांकुशा एकादशी व्रत क्या है ? ( what is papankusha ekadashi )

उत्तर -  शुद्ध आश्विन मास के शुक्ल पक्ष में पापांकुशा एकादशी 27 अक्टूबर दिन मंगलवार को है ।

प्रश्न - पापांकुशा एकादशी व्रत की तिथि और समय क्या है ? ( papankusha ekadashi date and time )

उत्तरपापांकुशा एकादशी के पारण का शुभ मुहूर्त 28 अक्टूबर दिन बुधवार को सुबह से दोपहर 1:42 तक है ।

प्रश्न - पापांकुशा एकादशी का क्या महत्व है ? ( papankusha ekadashi ka mahatva )


उतर - परमा एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से दुर्लभ सिद्धियों की प्राप्ति होती है । परम दुर्लभ सिद्धियों के दाता होने के कारण ही इस एकादशी को परमा एकादशी के नाम से जाना जाता है । यह एकादशी धन सुख ऐश्वर्य की जननी और दुख दरिद्रता का नाश करने वाली है । इस एकादशी में स्वर्ण दान विद्यादान अन्न दान भूमि दान और गोदान करना चाहिए ।

प्रश्न - पापांकुशा एकादशी व्रत कैसे करें ? ( papankusha ekadashi vrat kaise kare )

उत्तर - इस एकादशी व्रत की विधि कठिन है । इस व्रत में एकादशी से अमावस्या तक पंच रात्रि व्रत किया जाता है जिसमें जल का त्याग किया जाता है । केवल भगवत चरणामृत लिया जाता है !
इस दिन प्रातः स्नानादि करके भगवान विष्णु के समक्ष बैठकर हाथ में जल और फल लेकर संकल्प करना चाहिए इसके पश्चात भगवान का पूजन करना चाहिए ।
5 दिनों तक विष्णु का स्नान करते हुए व्रत का पालन करना चाहिए । पांचवे दिन ब्राह्मण को भोजन करा कर दान दक्षिणा देकर स्वयं व्रती को भोजन करना चाहिए ।

प्रश्न - पापांकुशा एकादशी व्रत कथा ( papankusha ekadashi vrat katha )

उत्तर - प्राचीन काल में विंध्य पर्वत पर गोधन नामक एक महा क्रूर बहेलिया रहता था । उसने अपनी सारी जिंदगी हिंसा लूटपाट मद्यपान और झूठे भाषणों में व्यतीत कर । जब उसका अंतिम समय आया तब यमराज ने अपने दूतों को क्रो धन को लाने की आज्ञा दी । यमदूत ओ ने उसे बता दिया कि कल तुम्हारा अंतिम दिन है ।
मृत्यु के भय से भयभीत होकर वह बहे लिया महर्षि अंगिरा की शरण में पहुंचा । महर्षि ने दया दिखाकर उससे पापांकुशा एकादशी का व्रत करने को कहा । इस प्रकार पापांकुशा एकादशी का व्रत करने से क्रूर बहेलिया को भगवान की कृपा से मोक्ष की प्राप्ति हो गई ।

प्रश्न - पापांकुशा एकादशी व्रत-कथा वीडियो का लिंक ( papankusha ekadashi vrat katha video )

उत्तर -  पापांकुशा एकादशी व्रत-कथा सुनाने के लिए  इस लिंक पर क्लिक करें। 

प्रश्न - पापांशुका एकादशी के दिन क्या खाना चाहिए ? ( what to eat on papankusha ekadashi )

उत्तर -  एकादशी में ताजे फल  मेवे कुट्टू नारियल जैतून दूध अदरक काली मिर्च सेंधा नमक आलू साबूदाना शकरकंद जैसा भोजन करना चाहिए । कुछ व्यक्ति यह व्रत बिना पानी पिए ही संपन्न करते हैं जिसे निर्जला एकादशी कहते हैं ।

प्रश्न - पापांकुशा एकादशी के दिन क्या नहीं खाना चाहिए ? ( papankusha ekadashi what not to eat )

उतर - पापांकुशा एकादशी के दिन जो मसूर की दाल, बैगन, सेम, फली, चावल और अन्य अनाज नहीं खाना चाहिए। मीठा पान भी नहीं खाना चाहिए, क्योंकि यह भगवान विष्णु को पूजा में चढ़ाया जाता है। मांस, मदिरा, प्याज, लहसुन जैसी तामसी चीजें बिलकुल नहीं। 

प्रश्न  - पापांकुशा एकादशी में क्या नहीं करना चाहिए ?


उत्तर - एकादशी में वृक्षों के पत्ते नहीं तोड़ना चाहिए । घर की ज्यादा सफाई ना करें ताकि चीटियों या छोटे-छोटे जीवो के मरने का डर ना हो । बाल ना कटवाए। कम से कम बोलने की कोशिश करें ताकि मुंह से गलत शब्द निकलने की संभावना ना हो ।

प्रश्न - पापांकुशा एकादशी की आरती क्या है ? (Papankusha ekadashi ki aarti )

उतर - एकादशी को यह आरती भी गयी जाती है :------

ओम जय जगदीश हरे स्वामी जय जगदीश हरे।।
भक्त जनों के संकट क्षण में दूर करे। 
ओम जय जगदीश हरे ।।
जो ध्यावे फल पावे दुख बिनसे मन का।  
सुख संपति घर आवे कष्ट मिटे तन का। 
ओम जय जगदीश हरे।। 
मात पिता तुम मेरे शरण गहूं किसकी ?
तुम बिन और न दूजा आस करूं किसकी ?
ओम जय जगदीश हरे ।।
तुम पूरण परमात्मा तुम अंतर्यामी। 
पारब्रह्म परमेश्वर तुम सबके स्वामी। 
ओम जय जगदीश हरे ।।
तुम करुणा के सागर तुम पालनकर्ता। 
मैं मूरख खल कामी कृपा करो भर्ता । 
ओम जय जगदीश हरे।। 
तुम हो एक अगोचर सबके प्राण पति। 
किस विधि मिलूं दयामय तुमको मैं कुमति ।
ओम जय जगदीश हरे।। 
दीनबंधु दुखहर्ता तुम ठाकुर मेरे। 
अपने हाथ उठाओ द्वार खड़ा तेरे। 
ओम जय जगदीश हरे।। 
विषय विकार मिटाओ पाप हरो देवा। 
श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ संतन की सेवा।
ओम जय जगदीश हरे।।
 तन मन धन सब कुछ है तेरा। 
तेरा तुझको अर्पण क्या लागे मेरा।
ओम जय जगदीश हरे।।

पापांकुशा एकादशी की आरती वीडियो ( papankusha ekadashi ki aarti )


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परमा एकादशी

अक्तूबर 12, 2020 Add Comment
Parama ekadashi

प्रश्न - क्या एकादशी अच्छा दिन होता है? ( is ekadashi a good day )


उत्तर- हिन्दू ग्रंथो के हिसाब से प्रत्येक तिथि और वार का हमारे मन और मस्तिष्क पर गहरा प्रभाव पड़ता है। इस तिथि के प्रभाव को जानकर ही व्रत और त्योहार बनाए गए,  जिसको करने से चमत्कारिक लाभ प्राप्त किया जा सकता है। एकादशी तिथि चंद्र से संबंधित है, इस तिथि पर व्रत रखकर मात्र फलाहार का ही सेवन करना लाभदायक माना जाता है। एकादशी के दिन बनने वाला सूर्य और चंद्र के कोण के कारण एकादशी का दिन अच्छा दिन माना जाता है।

प्रश्न - एकादशी क्यों महत्वपूर्ण है ? ( why ekadashi is important )

उत्तर - कहा जाता है कि प्रत्येक व्यक्ति को अपने सांसारिक और भौतिक सुखों की प्राप्ति और जीवन की सभी परेशानियों को दूर करने के लिए एकादशी का व्रत अवश्य करना चाहिए इस व्रत का उतना ही महत्व होता है जितना 88000 ब्राह्मणों को भोजन कराने का होता है ।  हिंदू धर्म शास्त्रों में एकादशी तिथि को हरि दिन तथा हरि वासर के नाम से भी जाना जाता है शास्त्रों में एकादशी से बड़ा कोई व्रत नहीं माना गया है।

प्रश्न - इस महीने की एकादशी कब है ? ( ekadashi of this month)

उत्तर - एकादशी तिथि का प्रारंभ 12 अक्टूबर 2020 को 4:38 पर है और इसका समापन 13 अक्टूबर 2020 को 2:00 बज के 35 मिनट पर है ।

प्रश्न -  परम एकादशी व्रत क्या है ? ( what is parama ekadashi )

उत्तर -  अधिक मास या पुरुषोत्तम मास में कृष्ण पक्ष में आने वाली एकादशी परमा एकादशी के नाम से जानी जाती है । यह 13 अक्टूबर 2020 दिन मंगलवार को है ।

प्रश्न - परम एकादशी व्रत की तिथि और समय क्या है ? ( param ekadashi date and time )

उत्तरयह 13 सितम्बर के 04:13 बजे से 14 सितम्बर के 03:16 बजे तक रहेगा।  एकादशी का पारण द्वादशी के दिन पूजा करके किसी ब्राह्मण को भोजन करवाने के बाद ही किया जाता है ।

प्रश्न - परम एकादशी का क्या महत्व है ? ( param ekadashi ka mahatva )


उतर - परमा एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से दुर्लभ सिद्धियों की प्राप्ति होती है । परम दुर्लभ सिद्धियों के दाता होने के कारण ही इस एकादशी को परमा एकादशी के नाम से जाना जाता है । यह एकादशी धन सुख ऐश्वर्य की जननी और दुख दरिद्रता का नाश करने वाली है । इस एकादशी में स्वर्ण दान विद्यादान अन्न दान भूमि दान और गोदान करना चाहिए ।

प्रश्न - परम एकादशी व्रत कैसे करें ? ( parama ekadashi vrat kaise kare )

उत्तर - इस एकादशी व्रत की विधि कठिन है । इस व्रत में एकादशी से अमावस्या तक पंच रात्रि व्रत किया जाता है जिसमें जल का त्याग किया जाता है । केवल भगवत चरणामृत लिया जाता है !
इस दिन प्रातः स्नानादि करके भगवान विष्णु के समक्ष बैठकर हाथ में जल और फल लेकर संकल्प करना चाहिए इसके पश्चात भगवान का पूजन करना चाहिए ।
5 दिनों तक विष्णु का स्नान करते हुए व्रत का पालन करना चाहिए । पांचवे दिन ब्राह्मण को भोजन करा कर दान दक्षिणा देकर स्वयं व्रती को भोजन करना चाहिए ।

प्रश्न - परम एकादशी व्रत कथा ( param ekadashi vrat katha )

उत्तर - धार्मिक मान्यता के अनुसार भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को परमा एकादशी के व्रत का महत्व बताया । प्राचीन काल में कामी पल्य नगर में सुमेधा नामक एक ब्राह्मण रहता था । उसकी स्त्री का नाम का नाम पवित्रा था जो परम सती और साध्वी थी । वे निर्धनता में जीवन निर्वाह करते हुए भी परम धार्मिक थे और अतिथि सेवा में तत्पर रहते थे । 1 दिन गरीबी से दुखी होकर ब्राह्मण ने परदेस जाने का विचार किया किंतु उनकी पत्नी ने कहा स्वामी धन और संतान पूर्व जन्म के दान से ही प्राप्त होते हैं । अतः आप चिंता ना करें । 1 दिन महर्षि को डि न्य उनके घर आए । ब्राह्मण दंपति ने तन मन से उनकी सेवा की । महर्षि ने उनकी दशा देखकर उन्हें परमा एकादशी का व्रत करने को कहा । उन्होंने कहा कि इस एकादशी के व्रत से यश राज कुबेर धनादेश बना है हरिश्चंद्र राजा हुआ है । ऐसा कह कर मुनि चले गए और सुमेधा ने पत्नी सहित यह व्रत किया । प्रातः काल 1 राजकुमार घोड़े पर चढ़कर आया और उसने सुमेधा को सर्व साधन संपन्न सर्व सुख समृद्ध कर एक अच्छा घर रहने को दिया । इसके बाद उनके समस्त दुख दूर हो गए ।

प्रश्न - परम एकादशी व्रत-कथा वीडियो का लिंक ( param ekadashi vrat katha video )

उत्तर -  परम एकादशी व्रत-कथा सुनाने के लिए  इस लिंक पर क्लिक करें। 

प्रश्न - परम एकादशी के दिन क्या खाना चाहिए ? ( what to eat on param ekadashi )

उत्तर -  एकादशी में ताजे फल  मेवे कुट्टू नारियल जैतून दूध अदरक काली मिर्च सेंधा नमक आलू साबूदाना शकरकंद जैसा भोजन करना चाहिए । कुछ व्यक्ति यह व्रत बिना पानी पिए ही संपन्न करते हैं जिसे निर्जला एकादशी कहते हैं ।

प्रश्न - परम एकादशी के दिन क्या नहीं खाना चाहिए ? ( param ekadashi what not to eat )

उतर - परम एकादशी के दिन जो मसूर की दाल, बैगन, सेम, फली, चावल और अन्य अनाज नहीं खाना चाहिए। मीठा पान भी नहीं खाना चाहिए, क्योंकि यह भगवान विष्णु को पूजा में चढ़ाया जाता है। मांस, मदिरा, प्याज, लहसुन जैसी तामसी चीजें बिलकुल नहीं। 

प्रश्न  - परम एकादशी में क्या नहीं करना चाहिए ?


उत्तर - एकादशी में वृक्षों के पत्ते नहीं तोड़ना चाहिए । घर की ज्यादा सफाई ना करें ताकि चीटियों या छोटे-छोटे जीवो के मरने का डर ना हो । बाल ना कटवाए। कम से कम बोलने की कोशिश करें ताकि मुंह से गलत शब्द निकलने की संभावना ना हो ।

प्रश्न - परम एकादशी की आरती क्या है ? (Param ekadashi ki aarti )

उतर - एकादशी को यह आरती भी गयी जाती है :------

ओम जय जगदीश हरे स्वामी जय जगदीश हरे।।
भक्त जनों के संकट क्षण में दूर करे। 
ओम जय जगदीश हरे ।।
जो ध्यावे फल पावे दुख बिनसे मन का।  
सुख संपति घर आवे कष्ट मिटे तन का। 
ओम जय जगदीश हरे।। 
मात पिता तुम मेरे शरण गहूं किसकी ?
तुम बिन और न दूजा आस करूं किसकी ?
ओम जय जगदीश हरे ।।
तुम पूरण परमात्मा तुम अंतर्यामी। 
पारब्रह्म परमेश्वर तुम सबके स्वामी। 
ओम जय जगदीश हरे ।।
तुम करुणा के सागर तुम पालनकर्ता। 
मैं मूरख खल कामी कृपा करो भर्ता । 
ओम जय जगदीश हरे।। 
तुम हो एक अगोचर सबके प्राण पति। 
किस विधि मिलूं दयामय तुमको मैं कुमति ।
ओम जय जगदीश हरे।। 
दीनबंधु दुखहर्ता तुम ठाकुर मेरे। 
अपने हाथ उठाओ द्वार खड़ा तेरे। 
ओम जय जगदीश हरे।। 
विषय विकार मिटाओ पाप हरो देवा। 
श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ संतन की सेवा।
ओम जय जगदीश हरे।।
 तन मन धन सब कुछ है तेरा। 
तेरा तुझको अर्पण क्या लागे मेरा।
ओम जय जगदीश हरे।।

परम एकादशी की आरती वीडियो param ekadashi ki aarti )


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