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पुत्रदा एकादशी व्रत की कथा

जुलाई 26, 2020 1 Comment

Putrada ekadashi vrat katha

putrada ekadashi vrat katha

प्रश्न - क्या एकादशी अच्छा दिन होता है? ( is ekadashi a good day )


उत्तर- हिन्दू ग्रंथो के हिसाब से प्रत्येक तिथि और वार का हमारे मन और मस्तिष्क पर गहरा प्रभाव पड़ता है। इस तिथि के प्रभाव को जानकर ही व्रत और त्योहार बनाए गए,  जिसको करने से चमत्कारिक लाभ प्राप्त किया जा सकता है। एकादशी तिथि चंद्र से संबंधित है, इस तिथि पर व्रत रखकर मात्र फलाहार का ही सेवन करना लाभदायक माना जाता है। एकादशी के दिन बनने वाला सूर्य और चंद्र के कोण के कारण एकादशी का दिन अच्छा दिन माना जाता है।

प्रश्न - एकादशी क्यों महत्वपूर्ण है ? ( why ekadashi is important )

उत्तर - कहा जाता है कि प्रत्येक व्यक्ति को अपने सांसारिक और भौतिक सुखों की प्राप्ति और जीवन की सभी परेशानियों को दूर करने के लिए एकादशी का व्रत अवश्य करना चाहिए इस व्रत का उतना ही महत्व होता है जितना 88000 ब्राह्मणों को भोजन कराने का होता है ।

प्रश्न - इस महीने की एकादशी कब है ? ( ekadashi of this month, ekadashi in july 2020 )


उतर  -इस महीने की एकादशी 30 जुलाई 2020 को है यह श्रावण मास के द्वितीय पक्ष में आता है इसे पुत्रदा एकादशी के नाम से जाना जाता है ।

प्रश्न -  पुत्रदा एकादशी व्रत क्या है ? ( what is putrada ekadashi )


उत्तर-पुत्रदा एकादशी व्रत रखने से संतान सुख की प्राप्ति होती है तथा इससे संबंधित परेशानियां दूर होती हैं इस व्रत का पुण्य वाजपेई यज्ञ के समान बताया गया है ।

प्रश्न - पुत्रदा एकादशी व्रत की तिथि और समय क्या है ? ( putrada ekadashi date and time )


उत्तर -पुत्रदा एकादशी 30 जुलाई 2020 को है यह श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की 11वीं तिथि को सुबह 5:42 से शुरू हो जाएगा इसका समापन 31 जुलाई को 8:24 पर होगा पुत्रदा एकादशी व्रत का पारण समय 5:42 सुबह से 8:24 शाम तक है ।

प्रश्न - पुत्रदा एकादशी का क्या महत्व है ? (  putrada ekadashi ka mahatva )


उतर -मान्यता है कि इस व्रत को करने से योग्य संतान की प्राप्ति होती है और संतान से संबंधित परेशानियां दूर होती है कहते हैं जो भक्त पुत्रदा एकादशी का व्रत पूरे तन मन से करते हैं उन्हें संतान सुख मिलता है ।

प्रश्न - पुत्रदा एकादशी व्रत कैसे करें ? ( putrada ekadashi vrat kaise kare )


उतर -  एकादशी के दिन प्रातः काल उठकर व्रत का संकल्प कर स्नान करके धूप दीप नैवेद्य से भगवान विष्णु के बाल गोपाल रूप की पूजा करनी चाहिए तथा रात में दीपदान करना चाहिए साथ ही रात्रि जागरण तथा भगवान विष्णु का भजन कीर्तन भी करना चाहिए ।

प्रश्न - पुत्रदा एकादशी व्रत की कथा ( putrada ekadashi vrat katha )

उत्तर - इसकी कथा इस प्रकार है कि द्वापर युग में महिष्मति पूरी के राजा एक शांत और धार्मिक व्यक्ति थे, लेकिन पुत्र से वंचित थे।राजा के लोगों ने महामुनि लोमेश से राजा के बारे में पूछा तो उसने बताया कि राजा अपने पिछले जन्म में एक क्रूर और दरिद्र व्यापारी थे। श्रावण की एकादशी के दिन राजा गर्मी से प्यासे होने के कारण उसी तालाब पर पहुंचे जहां एक प्यासी गाय पानी पी रही थी। उसने गाय को रोककर खुद पानी पी लिया। इसी कृत्य के कारण राजा संतान हीन हैं। महामुनी ने बताया कि यदि राजा और उनके लोग पूरे विधि विधान से श्रावण एकादशी का व्रत करते हैं तो निश्चित रूप से संतान आशीर्वाद में मिलेगा। तब राजा ने अपने लोगों के साथ विधि-विधान से एकादशी का व्रत किया जिसके परिणाम स्वरुप उनकी रानी ने एक पुत्र को जन्म दिया तब से श्रावण की एकादशी को पुत्रदा एकादशी कहा जाता है।

प्रश्न - पुत्रदा एकादशी व्रत-कथा वीडियो का लिंक (  putrada ekadashi vrat katha video )

उत्तर - पुत्रदा एकादशी व्रत-कथा सुनाने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें। 

प्रश्न - पुत्रदा एकादशी के दिन क्या खाना चाहिए ? ( what to eat on putrada ekadashi )

उत्तर - पुत्रदा एकादशी तिथि का व्रत निराहार रखने से इसका लाभ व्रतीको अधिक मिलता है। फिर भी एकादशी का व्रत करने वाले व्रती बिना खाए पिए नहीं रह सकते हैं तो इन पदार्थों का सेवन किया जा सकता है ताजे फल में वे चीनी कुट्टू नारियल जैतून दूध अदरक काली मिर्च सेंधा नमक आलू साबूदाना शकरकंद आदि ।

प्रश्न - पुत्रदा एकादशी के दिन क्या नहीं खाना चाहिए ? ( Q. - putrada ekadashi what not to eat )

उतर -एकादशी के दिन जो मसूर की दाल, बैगन, सेम, फली, चावल और अन्य अनाज नहीं खाना चाहिए। मीठा पान भी नहीं खाना चाहिए, क्योंकि यह भगवान विष्णु को पूजा में चढ़ाया जाता है। मांस, मदिरा, प्याज, लहसुन जैसी तामसी चीजें बिलकुल नहीं। 

प्रश्न - एकादशी की आरती क्या है ? (  putrada ekadashi ki aarti )

उतर - एकादशी को यह आरती भी गयी जाती है :------

ओम जय जगदीश हरे स्वामी जय जगदीश हरे।।
भक्त जनों के संकट क्षण में दूर करे। 
ओम जय जगदीश हरे ।।
जो ध्यावे फल पावे दुख बिनसे मन का।  
सुख संपति घर आवे कष्ट मिटे तन का। 
ओम जय जगदीश हरे।। 
मात पिता तुम मेरे शरण गहूं किसकी ?
तुम बिन और न दूजा आस करूं किसकी ?
ओम जय जगदीश हरे ।।
तुम पूरण परमात्मा तुम अंतर्यामी। 
पारब्रह्म परमेश्वर तुम सबके स्वामी। 
ओम जय जगदीश हरे ।।
तुम करुणा के सागर तुम पालनकर्ता। 
मैं मूरख खल कामी कृपा करो भर्ता । 
ओम जय जगदीश हरे।। 
तुम हो एक अगोचर सबके प्राण पति। 
किस विधि मिलूं दयामय तुमको मैं कुमति ।
ओम जय जगदीश हरे।। 
दीनबंधु दुखहर्ता तुम ठाकुर मेरे। 
अपने हाथ उठाओ द्वार खड़ा तेरे। 
ओम जय जगदीश हरे।। 
विषय विकार मिटाओ पाप हरो देवा। 
श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ संतन की सेवा।
ओम जय जगदीश हरे।।
 तन मन धन सब कुछ है तेरा। 
तेरा तुझको अर्पण क्या लागे मेरा।
ओम जय जगदीश हरे।।

पुत्रदा एकादशी की आरती वीडियो (  putrada ekadashi ki aarti )

पुत्रदा एकादशी की आरती का वीडियो चलाने के लिए यहाँ क्लिक करें :-----

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