परिवर्तिनी एकादशी कथा

अगस्त 27, 2020

परिवर्तिनी एकादशी कथा




प्रश्न - क्या एकादशी अच्छा दिन होता है? ( is ekadashi a good day )


उत्तर- हिन्दू ग्रंथो के हिसाब से प्रत्येक तिथि और वार का हमारे मन और मस्तिष्क पर गहरा प्रभाव पड़ता है। इस तिथि के प्रभाव को जानकर ही व्रत और त्योहार बनाए गए,  जिसको करने से चमत्कारिक लाभ प्राप्त किया जा सकता है। एकादशी तिथि चंद्र से संबंधित है, इस तिथि पर व्रत रखकर मात्र फलाहार का ही सेवन करना लाभदायक माना जाता है। एकादशी के दिन बनने वाला सूर्य और चंद्र के कोण के कारण एकादशी का दिन अच्छा दिन माना जाता है।

प्रश्न - एकादशी क्यों महत्वपूर्ण है ? ( why ekadashi is important )

उत्तर - कहा जाता है कि प्रत्येक व्यक्ति को अपने सांसारिक और भौतिक सुखों की प्राप्ति और जीवन की सभी परेशानियों को दूर करने के लिए एकादशी का व्रत अवश्य करना चाहिए इस व्रत का उतना ही महत्व होता है जितना 88000 ब्राह्मणों को भोजन कराने का होता है ।  हिंदू धर्म शास्त्रों में एकादशी तिथि को हरि दिन तथा हरि वासर के नाम से भी जाना जाता है शास्त्रों में एकादशी से बड़ा कोई व्रत नहीं माना गया है।

प्रश्न - इस महीने की एकादशी कब है ? ( ekadashi of this month, ekadashi in july 2020 )


उतर  -  इस महीने की एकादशी 29 अगस्त 2020 को है ।  28 अगस्त को सुबह 08:38 से 29 अगस्त को सुबह08:17 बजे तक है । भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी को सभी मनोकामनाओ को पूर्ण करने वाला व्रत माना गया है !

प्रश्न -  परिवर्तिनी एकादशी व्रत क्या है ? ( what is parivartini ekadashi )

उत्तर - वैसे तो साल में कुल 24 एकादशी होती है लेकिन 2020 में कुल 25 एकादशी है ! भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी को भगवान विष्णु के वामन अवतार की पूजा की जाती है । वामन अवतार में ही तीन पग में विष्णु जी ने राजा बलि का सारा राजपाट नाप लिया था ।

इस दिन भगवान विष्णु शयन करते हुए अपना स्थान परिवर्तन करते हैं । इसलिए इस एकादशी को परिवर्तनी एकादशी कहते हैं । इस एकादशी को पदमा एकादशी और जयंती एकादशी भी कहते हैं ।

प्रश्न - परिवर्तिनी एकादशी व्रत की तिथि और समय क्या है ? ( parivartini ekadashi date and time )

उत्तर- इस महीने की परिवर्तन एकादशी भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की 29 अगस्त 2020 दिन शनिवार को है । एकादशी का पारण द्वादशी के दिन पूजा करके किसी ब्राह्मण को भोजन करवाने के बाद ही किया जाता है ।

प्रश्न - परिवर्तिनी एकादशी का क्या महत्व है ? (  parivartini ekadashi ka mahatva )


उतर -  परिवर्तिनी एकादशी को  नियम पूर्वक व्रत रखने से मनुष्य के सारे पाप नष्ट हो जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है  । इस दिन मां लक्ष्मी की भी पूजा करने से उनकी विशेष कृपा मिलती है । इस व्रत का फल वाजपेई यज्ञ के समान है ।

प्रश्न - परिवर्तिनी एकादशी व्रत कैसे करें ? ( parivartini ekadashi vrat kaise kare )

उत्तर-  एकादशी का व्रत करने वालों को एकादशी से 1 दिन पहले ही सूर्यास्त के बाद भोजन नहीं करना चाहिए ताकि पेट में अनाज का अंश ना रहे । एकादशी के दिन सुबह सर्वप्रथम स्नानादि करने के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करके भगवान विष्णु का स्मरण कर व्रत का संकल्प लें । भगवान के समक्ष धूप दीप जलाएं । भगवान विष्णु की पूजा में तिल का उपयोग किया जाता है । में तुलसी अवश्य अर्पित करें । पूरा समय भगवान विष्णु का स्मरण करें ।

प्रश्न - परिवर्तिनी एकादशी व्रत की कथा ( parivartini ekadashi vrat katha )


उत्तर - श्री कृष्ण ने अर्जुन को पापों का नाश करने के लिए परिवर्तीनी एकादशी व्रत रखने के लिए कहा था ।

कथा के अनुसार त्रेता युग में बली नामक एक असुर था जो असुर होने के बावजूद धर्म-कर्म के कार्यों में सदैव लीन रहता था । अपने तप और भक्ति भाव से बली देवराज इंद्र की बराबरी में आ गया । उसकी भक्ति से सभी देवता गण घबरा गए ।

देवराज इंद्र को लगने लगा कि यदि बली को नहीं रोका गया तो वह स्वर्ग का राजा बन जाएगा । तब इंद्र ने भगवान विष्णु की शरण ली और रक्षा करने की प्रार्थना की । इसके बाद भगवान विष्णु ने वामन रूप धारण किया । उसने विराट रूप धारण कर के एक पांव से पृथ्वी दूसरे पाव की एड़ी से स्वर्ग और पंजे से ब्रह्मलोक को नाप लिया ।

अब तीसरे पांव के लिए राजा बलि के पास कुछ भी ना बचा तो उसने अपना सिर आगे कर दिया । भगवान वामन ने तीसरा पैर उसके सिर पर रख दिया । राजा बलि से भगवान विष्णु बहुत प्रसन्न हुए और उसे पाताल लोक का राजा बना दिया ।

प्रश्न - परिवर्तिनी एकादशी व्रत-कथा वीडियो का लिंक ( parivartini ekadashi vrat katha video )

उत्तर - परिवर्तिनी एकादशी व्रत-कथा सुनाने के लिए  इस लिंक पर क्लिक करें। 

प्रश्न - परिवर्तिनी एकादशी के दिन क्या खाना चाहिए ? ( what to eat on parivartini ekadashi )

उत्तर -  एकादशी तिथि का व्रत निराहार रखने से इसका लाभ व्रती को अधिक मिलता है। फिर भी एकादशी का व्रत करने वाले व्रती बिना खाए पिए नहीं रह सकते हैं तो इन पदार्थों का सेवन किया जा सकता है ताजे फल में वे चीनी कुट्टू नारियल जैतून दूध अदरक काली मिर्च सेंधा नमक आलू साबूदाना शकरकंद आदि ।

प्रश्न - परिवर्तिनी एकादशी के दिन क्या नहीं खाना चाहिए ? ( Q. - parivartini ekadashi what not to eat )

उतर - परिवर्तिनी एकादशी के दिन जो मसूर की दाल, बैगन, सेम, फली, चावल और अन्य अनाज नहीं खाना चाहिए। मीठा पान भी नहीं खाना चाहिए, क्योंकि यह भगवान विष्णु को पूजा में चढ़ाया जाता है। मांस, मदिरा, प्याज, लहसुन जैसी तामसी चीजें बिलकुल नहीं। 

प्रश्न - परिवर्तिनी एकादशी की आरती क्या है ? (Parivartini ekadashi ki aarti )

उतर - एकादशी को यह आरती भी गयी जाती है :------

ओम जय जगदीश हरे स्वामी जय जगदीश हरे।।
भक्त जनों के संकट क्षण में दूर करे। 
ओम जय जगदीश हरे ।।
जो ध्यावे फल पावे दुख बिनसे मन का।  
सुख संपति घर आवे कष्ट मिटे तन का। 
ओम जय जगदीश हरे।। 
मात पिता तुम मेरे शरण गहूं किसकी ?
तुम बिन और न दूजा आस करूं किसकी ?
ओम जय जगदीश हरे ।।
तुम पूरण परमात्मा तुम अंतर्यामी। 
पारब्रह्म परमेश्वर तुम सबके स्वामी। 
ओम जय जगदीश हरे ।।
तुम करुणा के सागर तुम पालनकर्ता। 
मैं मूरख खल कामी कृपा करो भर्ता । 
ओम जय जगदीश हरे।। 
तुम हो एक अगोचर सबके प्राण पति। 
किस विधि मिलूं दयामय तुमको मैं कुमति ।
ओम जय जगदीश हरे।। 
दीनबंधु दुखहर्ता तुम ठाकुर मेरे। 
अपने हाथ उठाओ द्वार खड़ा तेरे। 
ओम जय जगदीश हरे।। 
विषय विकार मिटाओ पाप हरो देवा। 
श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ संतन की सेवा।
ओम जय जगदीश हरे।।
 तन मन धन सब कुछ है तेरा। 
तेरा तुझको अर्पण क्या लागे मेरा।
ओम जय जगदीश हरे।।

परिवर्तिनी एकादशी की आरती वीडियो (  parivartini ekadashi ki aarti )

अजा एकादशी की आरती का वीडियो चलाने के लिए यहाँ क्लिक करें :-----

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